Friday, September 19, 2008


हाल ही के दिनों में आयी“Wednesday” वेड्नेसडॆ मात्र मनोरंजन करने वाली एक फिल्म नहीं थी उसने वह कर दिखाय़ा जिसे आज का आम आदमी मजबूरन करने को विवश हो रहा है , मैं व्यक्तिगत तौर पर इस फिल्म को “रंग दे बसंती “के विकास के रूप में देख रहा हूं । नसरूद्दिन शाह ,अनूपम खेर अपने अभिनय की करने वाली बात है बुलन्दियों को इस फिल्म में छूए हैं। वैसे “मुम्बई मेरी जान “Mumbai Meri Jaan भी एक जबरदस्त किस्म की गंभीर फिल्म है। दोनों फिल्मों के निर्देशक बधाई के पात्र हैं जिसने भारतीय फिल्मों की चिरपरिचित लिजलिजाहट से दूर रखा है, इन फिल्मों से बालीवुड ने अपनी एक गंभीर शुरुआत की है इन फिल्मों का एक बहुत व्यापक दर्शक वर्ग तैयार हो रहा है जो मुझ जैसे बालीवुडी निराशावादियों के लिये एक आशान्वित करने वाली बात है
प्रमथेश
[20-09-08
]

4 comments:

Rahul Gupta said...

aapne theek kaha..is tarah ki films ka ek vishesh darshak varg taiyaar ho raha hai......swaagat hai aapka...blog ki duniyaa me

muskurahat said...

bahut barhia... isi tarah likhte rahiye


http://hellomithilaa.blogspot.com
mithilak gap...maithili me

http://muskuraahat.blogspot.com
aapke bheje photo

http://mastgaane.blogspot.com
manpasand gaane

दिगम्बर नासवा said...

SAHI KAHA........LAJAWAAB HAI YE PICTURE....KAMAAL KA ABHINAY AUR VISHAY BHI BEHATREEN HAI...

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।